पितृ पूजन के पर्व को श्राद्ध कहा जाता है और इस बार 16 श्राद्ध 15 दिन के होंगे | इसी प्रकार देवी के नवरात्रो की पूजा 10 दिन तक मनाई जाएगी | यह अनूठा संयोग 457 साल के बाद बना है। तिथियों में घट-बढ़त होने से श्राद्ध पक्ष का एक दिन कम हो गया और नवरात्रि का एक दिन बढ़ गया है। इस संयोग बहुत ही काम देखने को मिलता है | बाबा जी Black magic expert के अनुसार यह स्थिति बहुत ही काम देखने को मिलती है |
श्राद्ध के दौरान 24 सितंबर को अष्टमी व नवमी साथ आने से पितृ पूजन का एक दिन घटकर 15 दिन का ही रह गया है | 16 सितंबर को श्राद्ध पक्ष शुरू होकर 30 सितंबर को सर्वपिृत अमावस्या पर समाप्त होगा। जो लोग अष्टमी व नवमी तिथि पर पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध करते हैं। वे एक ही दिन सुबह अष्टमी और दोपहर बाद नवमी का श्राद्ध करें। नवरात्रि 1 से 10 अक्टूबर तक रहेगी। तृतीया तिथि दो दिन 3 से 4 अक्टूबर तक मनेगी। इसलिए नवरात्रि नौ की बजाए 10 दिन की होगी। ग्यारहवें दिन 11 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। श्राद्ध व नवरात्रि में तिथियों के घट-बढ़ का संयोग इसके पहले 1589 में बना था। और आगे साढ़े चार सौ वर्ष के बाद बनेगा।
इस प्रकार 457 साल पहले भी इसी क्रम में श्राद्ध व नवरात्रि की तिथियों में उतार-चढ़ाव हुआ था | और उस समय नौ में से सात प्रमुख ग्रहों की जो स्थिति थी। वह 2016 में इस समय भी वैसी ही है। सूर्य व गुरु कन्या राशि में, शुक्र तुला राशि में, मंगल धनु राशि में, केतु कुंभ राशि में और राहू व बुध सिंह राशि में विद्यमान है।
श्राद्ध और नवरात्रो में किये गए कार्यो से अपने ईष्टो को किस प्रकार पर्सन किया जाये और माता के नवरात्रो में किये गये शुभ कार्यो से आपके घर में धन-सम्पति की भी वृद्धि होती है | बाबा जी Vashikaran specialist in India द्वारा बताये गए कार्यो को करने से आपको लक्ष्मी और वैभव की प्राप्ति होती है | आपके घर में कलह - क्लेश का निवारण होता है |
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